गोह कौन है और इसके काटने से क्या होता है
गोह
दोस्तों कैसे है आप उम्मीद करता हु के आप लोग सब कुशल होंगे। दोस्तों आज हम बात करेंगे Goh के बारे में और जानेंगे गोह कौन है और इसके काटने से क्या होता है।
गोह कौन है
गोह एक छिपकली की तरह ही दिखने वाला एक जीव है परन्तु यह छिपकली से बहुत बड़ा होता है गोह की कुछ प्रजातियाँ 10 फ़ीट तक लम्बी भी हो जाती है। गोह स्क़्वामेटा गण के वेरिनिडी कुल का जीव है। गोह का शरीर गोल पंजे मज़बूत होते है इनकी जीभ सांप की तरह दोफंकी होती है मतलब बीच में से दो हिस्सों में बँटी हुई होती है। इनका शरीर शल्को से भरा हुआ होता है। यह सांप तरह अपनी जीभ को बार बार लपलपाता रहता है।
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दोस्तों बहुत लोगो के मन में इस जीव को लेकर गलत धारणा बानी हुई है जिसके वजह से इस जीव की प्रजातियो पर आज संकट आ गया है। लोगो के मन में गलत धारणा यह है कि ये एक बहुत ज़हरीला जीव है। कुछ लोगो का ये मानना है के अगर यह किसी को काट ले और अपने ऊपर पेशाब कर दे तो फिर उस मनुष्य का बचना मुश्किल है। कुछ लोग कहते है अगर यह किसी के ऊपर थूक दे तो वह आदमी अँधा हो जाता है। इन सब गलत फेहमी के चलते लोग इस जीव को देखते ही मार देते है।
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में आपकी जानकारी के लिए बात दू के इस जीव में ज़हर नहीं होता है इसके काटने से कोई व्यक्ति मर नहीं सकता है। ये सड़ा गाला मांस खाता है जिसके कारण इसके मुँह पर बैक्टीरिया लगे होते है आगे यह उस कंडीशन में किसी को काट भी ले तो उसे इन्फेक्शन फैलने का खतरा रहता है। अगर गोह आपको काट ले तब आप डॉक्टर से एक टिटनेस का इंजेक्शन लगवा ले।
गोह की जातियाँ
पूरे भारत में लगभग गोह की 6 जातियाँ पाई जाती है। इस जीव की सबसे बड़ी जाति की लम्बाई 10 फ़ीट तक भी हो जाती है। इनमे एक सबसे प्रसिद्ध जाति कवरा गोह की है इसके बच्चे गोल गोल पीले रंग की चित्ती के साथ पैदा होते है। इन्ही को लोग गोहरा बिसखपड़ा के नाम से जानते है जबकि यह सब गोह के ही बच्चे है।
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Goh aur Chandan Goh
गोह और चन्दन गोह में अंतर, अगर हम बात करे चन्दन गोह की तो गोह को ही चन्दन गोह कहते है गोह के बहुत नाम है और इसको अलग अलग जगह पर अलग अलग नाम से जाना जाता है। जैसे गोह, चन्दन गोह, विषखोपड़ा, विषखापड़िया, गोहरा जीव इत्यादि।
गोह का वर्गीकरण
गोह का रहन सहन
गोह का रहन सहन, गोह एक शांतिप्रिय जीव है यह शोर शराब से दूर रहते है। यह ठन्डे इलाके तालाब, कीचड, खली कुँए , खंडहर, आदि में विशेष रूप से पाए जाते है। पुराने समय में लोग गोह का इस्तेमाल किले की दीवार चढ़ने में करते थे। गोह अंडे देती है यह अपने अंडे जमीन पर गड्ढा बनाकर देती है। गोह कीड़े मकोड़े, मछली, केकड़ा, मेंढक इत्यादि को खाती है। इसकी जीभ नीले और डार्क हरे कलर की होती है।
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गोह के बारे में कुछ रोचक जानकारियाँ
- गोह छिपकली से बड़ी होती है और देखने में खतरनाक दिखती है।
- गोह एक बार में 15 से 20 अंडे देती है।
- यह जीव अपने अंडे पृथ्वी की सतह पर किसी बिल में या किसी छेद में देती है।
- गोह की कुछ प्रजातियाँ अपना समय पानी में बिताती है। सामान्य भाषा में इन्हे जलीय गोह भी कह सकते है।
- लोग जिन्हे गुहेरा, बिसखपरा, के नाम से जानते है वह कोई और नहीं गोह के बच्चे ही होते है जो ज़हरीले नहीं होते है।
- गोह की पकड़ बहुत मज़बूत होती है अगर इसे किसी दीवार पर चिपका दिया जाये तो यह दीवार को मज़बूती से पकड़ लेती है।
- दौड़ते समय यह अपनी पूँछ को ऊपर उठा लेती है।
- मादा अपने अंडे को छिपाने के लिए उसके चारो और आस पास बिल खोद देती है जिससे दूसरे अपना ध्यान भटक जाये।
- इसके चमड़ी बहुत कठोर होती है इसलिए पुराने समय में लोग लड़ाई में इसके चमड़ी से बने दस्तानो का इस्तेमाल किया करते थे।
- लोगो का यह कहना है कि शिवाजी महाराज के सेनापति ताना जी के पास एक ऐसी गोह थी वह उसका इस्तेमाल किले की दीवार पर चढ़ने के लिए किया करते थे।
- गोह बहुत तेजी से दौड़ती है और पेड़ पर भी बहुत फुर्ती के साथ चढ़ जाती है।