जोंक क्या है और कैसा होता है

jonk kya hai kaisa hota hai

जोंक 

जोंक, हेलो दोस्तों कैसे हो आप में उम्मीद करता हु के आप सब लोग कुशल होंगे और कामना  करता हु के आप लोग हमेशा स्वस्थ रहे।

दोस्तों आज हम बात करेंगे जोंक की जोंक क्या है और कैसा होता है। यह खून कैसे चूसता है और क्यों चूस्ता है। दोस्तों वैसे तो आप सब लोगो ने जोंक का नाम जरूर सुना होगा या इसके बारे में पढ़ा होगा। जोंक एक काले रंग का लम्बा चपटा जीव है। यह परजीवी है। इसका वैज्ञानिक नाम हिरुडीनिया है। यह नदी नालो, तालाबों, झीलों, जंगलो में नमी वाले स्थान जहाँ पानी भरा होता है इत्यादि जगहों पर पाया जाता है।

जोंक क्या होता है और कैसा होता है

जोंक की बनावट 

जोंक लम्बा चपटा व पतला जीव है। यह काले रंग का होता है। इसके दो मुँह होते है जो दोनों सिरों पर मौजूद होते है यह दोनों तरफ से खून चूसता है। इन मुँह को चूषक भी कहते है जो रक्त चूसने के काम करते है। इनके अगले चूषक में एक तिकोना मुखछिद्र होता है। जोंक के अंडो को कोकून कहते है। अंडे एक कोकून में संलग्न होते हैं, जो जलीय प्रजातियों में आमतौर पर पानी के नीचे की सतह से जुड़ा होता है; एक परिवार के सदस्य, माता-पिता की देखभाल का प्रदर्शन करते हैं, माता-पिता द्वारा अंडे दिए जा रहे हैं। स्थलीय प्रजातियों में, कोकून को अक्सर एक लॉग के नीचे, एक दरार में या नम मिट्टी में दफन किया जाता है।

लीच थैरेपी क्या है और लीच थेरेपी कैसे की जाती है।

लोग जोंक का नाम सुनते ही उससे दूर हो जाते है। पर आयुर्वेद में लीच थेरेपी मतलब जोंक द्वारा दी जाने वाली चिकित्सा का जिक्र किया गया है। जैसे बालो का झड़ना, कील,मुहासे, सोरायसिस जैसी रक्त से जुडी बीमारियों  का इलाज किया जाता है। इस थेरेपी में जोंक को उस हीस्से पर चिपका देते है जिस हिस्से में बीमारी है और जोंक चिपकते ही रक्त चूसना शुरू कर देती है। यह सभी परेशानी खून की गन्दगी की  वजह से होती है। और जोंक गन्दा खून चूस कर इलाज में मदद करती है।

जोक में क्या पाया जाता है

जोंक में हीरूडीन नामक रसायन पाया जाता है। यह रसायन जोंक के लार में पाया जाता है। जब जोंक खून चूसती है तब यह रसायन खून में मिल जाता है। यह खून को जमने नहीं देता है।

जोक के काटने से क्या होता है

जोंक जब मरीज को काटती है तब वह मनुष्य के शरीर में कई अन्य पेस्टीसाइड छोड़ती है, जो गैंगरीन से ग्रसित अंगों में ब्लड सर्कुलेशन शुरू कर देता है. यह रसायन जब शरीर में  घुलते है तो इन रसायनों की वजह से घाव भी बहुत तेजी से भरने लगता है।

जोंक का वर्गीकरण

राज्य     –    एनिमेलिआ

संघ       –    एनिलिडा

वर्ग        –    क्लिटेलैटा

उपवर्ग   –    हिरुडीनिया

जोंक के बारे में कुछ रोचक जानकारियाँ 

  • जोंक एक जलीय जीव है। 
  • जोंक के पास तीन दिल और 9 दिमाग  है। 
  • यह उभयलिंगी जीव जिसे bisexual भी  कहते है।  
  • जोंक के दोनों सिरों पर रक्त चूसने वाले चूषक लगे होते है। 
  • जोंक ज्यादातर मीठे पानी  में पाई जाती है। 
  • अभी तक इस धरती पर जोंक की लगभग 700 प्रजातिया  पाई जाती है। जिसमे 100 समुद्री, 480 मीठे की और बाकी स्थलीय है। 
  • यह एक वाह्य परजीवी है जो शरीर के बाहरी हिस्सों से चिपक जाती है।
  • हिरुडीनिया का नाम लैटिन हिरुडो (जेनिटिव हिरुडिनिस), एक जोंक से आया है।
  • जोंक का शरीर 33 खंडो में विभाजित होता है यह संख्या सभी जोंक में लगभग सामान होती है इसमें पहले ५ भागो को सिरे  रूप  रखा गया है।
  • शरीर की दीवार में एक छल्ली, एक एपिडर्मिस और रेशेदार संयोजी ऊतक की एक मोटी परत होती है जिसमें गोलाकार मांसपेशियां, विकर्ण मांसपेशियां और शक्तिशाली अनुदैर्ध्य मांसपेशियां अंतर्निहित होती हैं।
  • जोंक के बीच भाग में 10 से 17 जोड़े मेटानेफ्रिडिया (उत्सर्जक अंग) होते हैं। जिनसे, नलिकाएं आम तौर पर एक मूत्राशय की ओर ले जाती हैं, जो एक नेफ्रिडियोपोर में बाहर की ओर खाली हो जाती है।
  • जोंक अपने शरीर की बाहरी दीवार के माध्यम से ही साँस लेती है।
  • जोंक से तेल भी बनाया जाता है जो इम्युनिटी बढ़ाने के काम में आता है।

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