know about pigeon + कबूतर के कुछ रोचक तथ्य

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know about pigeon, कबूतर

दोस्तों कैसे है आप आज हम बात करेंगे कबूतर के कुछ रोचक तथ्य के बारे में। कबूतरों का इतिहास बहुत पुराना रहा है। वैज्ञानिको के तर्क के अनुसार कबूतर मेसोपोटामिया की सभ्यता से इंसानो के साथ रह रहे है।  ये बहुत समझदार पक्षी होता है। यह आसमान के काफी ऊंचाई तक उड़ सकते है। कबूतर घरो तथा पेड़ो इत्यादि पर अपना घोंसला बनाकर रहते है। ये काफी रफ़्तार के साथ उड़ते है। इनके सुनने और देखने की जितनी तारीफ की जाये उतनी कम है। 

 कबूतर के बारे में कुछ खास जानकारी

यह पुरे विश्व में पाया जाने वाला पक्षी है।  यह एक नियततापी ,उड़ने वाला पक्षी है जिसका शरीर पारो से ढँका रहता है।  मुँह के स्थान पर इसकी छोटी नुकीली चोंच होती है। मुख दो चंचुओं से घिरा एवं जबड़ा दंतहीन होता है। अगले पेअर डैनो में परिवर्तित हो गए है। पिछले पैर शल्को से ढँके एवं उंगलिया नखरयुक्त होती है।  इसमें तीन उंगलिया सामने और चौथी उंगली पीछे की ओर रहती है। कबूतरों को मनुष्य के संपर्क में रहना अधिक पसंद है। आनाज मेवे और दालें इसका मुख्या भोजन है। भारत में यह सफ़ेद और सलेटी रंग के होते है। पुराने समय में इनका इस्तेमाल चिट्ठी पत्री भेजने के लिए भी किया जाता था। 

 
 
कबूतर का वैज्ञानिक वर्गीकरण

जगत                :                 जंतु 

संघ                   :                 कशेरुकी 

उपसंघ              :                 वर्टिब्रेट 

वर्ग                    :                 पक्षी 

गण                    :                कोलंबीफार्मस 

कुल                   :                 कोलम्बिड़ी 

 कबूतर के बारे में रोचक जानकारी

  • एक अनुमान के अनुसार कबूतरों का इतिहास लगभग 10000 साल लगाया गया है। 
  • कबूतर को संस्कृत में कपोतः भी कहते है। 
  • कबूतरों के मुख में जो चोंच होती है उसमे दांत नहीं होते है। 
  • कबूतर अपने भोजन को निगल जाता है। 
  • आनाज मेवे और दालें इनका मुख्या भोजन होता है। 
  • कबूतर के अंदर गिज़ार्ड पाया जाता है या ये कहे के एक खास तरह की मशीन होती है जो चक्की का काम करती है। 
  • कबूतर जो भी दाना खाता है वह गिज़ार्ड में पहुंच जाता है और गिज़ार्ड का काम होता है उसे पीसना जी हाँ दोस्तों हम जो अक्सर देखते है कि कबूतर और अन्य पक्षी जो दाना खाते है वो उसको सबूत ही निगल जाते है। और फिर गिज़ार्ड उसको पीस कर पाचक युक्त बना देता है।  
  • मादा कबूतर एक बार में अधिकतर 2 अंडे देती है। जब अंडे से बच्चे निकलते है तो उनके शरीर पर बाल नहीं होते है। लेकिन कुछ दिनों में इनके शरीर पर हलके सुनहरे(पीले) रंग के बाल आने लगते है। 
  • लगभग एक महीने के अंदर बच्चे अंडे से बहार आ जाते है। 
  • घरेलू कबूतर अक्सर अपना घोंसला लकड़ी या झाड़ू की तीलियों से बनाते है। ये घांस का कम इस्तेमाल करते है। 
  • कबूतर लगभग 140 से 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकते है। 
  • कबूतरों की यादाश्त बहुत तेज होती है अगर यह एक बार किसी को देख ले तो उसे भूलता नहीं है। 
  • एक तर्क के अनुसार कबूतर अंको को भी पहचान सकते है। 
  • कबूतर को एक बुद्धिमान पक्षी भी माना जाता है। 
 

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