koel kaisi hoti hai usko kaise phchaane

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कोयल कैसी होती है और उसको कैसे पहचाने

दोस्तों आज हम बात करेंगे कोयल के बारे में और जानेंगे कोयल कैसी होती है और उसको कैसे पहचाने, कोयल जिसको हम कोकिल, कोकिला आदि के नाम से भी जानते है। यह एक मधुरभाषी पक्षी है और यह बहुत मीठा गाती है। इसकी आवाज बहुत मधुर होती है। इसकी मधुर आवाज के कारन ही लोग इसे ज्यादा पसंद करते है। तो आज हम विस्तार से जानेंगे के koel kaisi hoti hai usko kaise phchaane

कोयल कैसी होती है

कोयल काले रंग की दिखने वाली पक्षी है। यह आकर में कौए जैसी दिखती है पर कौए से पतली होती है। नर और मादा कोयल दोनों दिखने में अलग अलग होती है। नर कोयल काले रंग की होती है जबकि मादा कोयल चितकबरी, धब्बेदार, रंग में तीतर की तरह दिखने वाली होती है। नर कोयल ही मीठी आवाज में गाना गाती है जिसे हम कोयल का गुनगुनाना भी बोलते है। मादा कोयल मधुर आवाज नहीं निकालती है। यह बहुत कम दिखाई देती है इसको घने पेड़ो पर रहना पसंद है। यह शोर गुल से दूर जंगल में रहना ज्यादा पसंद करती है।

कोयल को कैसे पहचाने

नर कोयल अधिक काले रंग की होती है आंखे लाल रंग की तथा इसकी चोंच सलेटी रंग की होती है। इसके पंख काले तथा पीछे की और लम्बे होते है। यह कौए की तरह दिखती है पर कौए से पतली और लम्बी होता है कोयल की लम्बाई 40 से 45 सेंटीमीटर तक होती है।

कोयल का वैज्ञानिक वर्गीकरण

जाति: इ स्कोलोपासूस

वंश: यूडाइनामिस

कुल: कुकुलिदै

गण: क्यूकलिफोर्मेस

वर्ग: आवेस

संघ: कोर्डेटा

जगत: अनिमालिए

कोयल के बारे में रोचक जानकारियां

  • कोयल अपना घोंसल कभी नहीं बनाती है । यह हमेश दुसरो के घोंसले में अंडे देती है।
  • मादा कोयल कभी भी गुनगुनाती या गाती नहीं है केवल नर कोयल ही गाती है।
  • मादा कोयल तीतर की भांति धब्बेदार और चितकबरी होती है। नर कोयल काली होती है।
  • यह दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया, तथा चीन में पाया जाता है।
  • कोयल दूसरे पक्षी को घोसले में अंडे देती है पर ये सबसे ज्यादा कोए के घोंसले में अंडे देना ज्यादा पसंद करती है।
  • कौए के अंडे और कोयल के अंडे लगभग एक जैसे दीखते है।
  • कोयल को झारखण्ड का राष्ट्रीय पक्षी भी कहा जाता है।
  • कोयल अपने अंडे कभी नही सेती है बल्कि मादा कौआ ही उसके अंडो को सेती है क्योकि वह अंडो में फर्क नहीं कर पाती है के ये अंडे उसके है या कोयल के।
  • कोयल का वैज्ञानिक नाम यूडाइनैमिस स्कोलोपेसस है।
  • कोयल या अन्य पक्षियों के अंदर गिज़ार्ड पाया जाता है जो चक्की का काम करता है क्योकि पक्षी दाना या भोजन सटकते है उसको चबाते नहीं है क्योकि उनकी चोंच में दांत नहीं होते है।
  • गिज़ार्ड उनके भोजन को पीस देता है जिससे पक्षियों को भोजन को पचाने में आसानी होती है।
  • बसंत ऋतू में ही नर कोयल ज्यादा कुहू कुहू करती है। यह कुहू कुहू मादा कोयल को रिझाने के लिए करती है।
  • मादा कोयल एक समय में लगभग 20 अंडे तक दे देती है।
  • इसकी प्रजाति की बात करे तो पुरे संसार में इसकी लगभग 100 के करीब प्रजातिया पाई जाती है।
  • कौए के बच्चे और कोयल के बच्चो में ज्यादा अंतर नहीं होता है दोनों दिखने में एक जैसे ही दीखते है इसलिए मादा कोवा भी इनमे अंतर नहीं कर पाती है।
  • कोयल की गिनती एक आलसी पक्षी के रूप में भी होती है क्योकि यह माँ होकर भी अपना घोंसला नहीं बनती है।
  • कोयल का जीवन काल लगभग 6 वर्षो का होता है। इसका शरीर पतला और पूंछ लम्बी होती है।

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