magarmach kya khata hai

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मगरमच्छ की संरचना

आइये जानते है मगरमच्छ के बारे में  magarmach kya khata hai मगरमच्छ सरीसृप (रेप्टीलिया) वर्ग के बड़े जीवो में शुमार है। अगर इनकी लम्बाई की बात की जाये तो ये लगभग 6 से 7 मीटर तक लम्बे हो जाते है। इनके शरीर का ऊपरी भाग खुरदरा और कांटे नुमा होता है। मादा मगरमच्छ अंडे देती है। मगरमच्छ पानी और सतह दोनों पर रह लेते है। मादा मगरमच्छ अपने अंडे सतह (जमीन) पर घोंसला बनाकर देती है पानी में नहीं।   

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मगरमच्छ की प्रजातियाँ 

पुरे विश्व में मगरमच्छ की लगभग 24 प्रजातियां पायी जाती है। अगर भारत की बात करे तो भारत में मगरमच्छ की तीन प्रजातियाँ पायी जाती है। जिसमे मुख्यतया खारे पानी में रहने वाले मगरमच्छ, सामान्य जल वाले मगरमच्छ (मार्श मगरमच्छ) और अंत में घड़ियाल। जो की पूरे भारत में पायी जाने वाली प्रजातियाँ है।  

मगरमच्छ का वर्गीकरण 

जगत    :   एनिमेलिआ 

संघ      :    कोर्डेटा 

वर्ग      :    रेप्टीलिया 

गण      :    क्रोकोडायलिया 

कुल     :    क्रोकोडाइलिडे

वंश      :    क्रोकोडिलस

जाति    :    सी पोरोसस 

मगरमच्छ से जुड़े कुछ रोचक तथ्य 

  • पूरे विश्व में मगरमच्छ की लगभग 24 प्रजातियाँ पायी जाती है। 
  • मादा मगरमच्छ सतह पर घोंसला बनाकर अंडे देती है। 
  • मगरमच्छ को पसीना नहीं आता है इसलिए वह अपने शरीर की गर्मी को अपना मुँह खोलकर निकालता है। यही कारण है कि मगरमच्छ धूप में मुँह खोल कर पड़े रहते है।
  • खारे पानी में पाए  जाने वाले मगरमच्छ दुनिया के सबसे बड़े सरीसृप में से एक है। यह बड़े होने के साथ साथ अत्यधिक ताकतवर  भी है। 
  • मगरमच्छ अनुमानतः 20 से 30 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ लेता है। 
  • व्यस्क मगरमच्छ की लम्बाई लगभग 6 मीटर (20 फीट) तक हो जाती है। और इनका वजन 300 किलोग्राम से 1000 किलोग्राम तक भी हो जाता है। 
  • मगरमच्छ की आंखे रात के अँधेरे में भी बहुत अच्छी तरह से देखने में सक्षम होती है इसी कारन ज्यादातर मगरमच्छ रात में शिकार करना पसंद करते है। 
  •  मादा मगरमच्छ एक बार में 30 से 35 अंडे देती है वहीं खारे पानी की मगरमच्छ 55 से 70 अंडे तक देती है।  और उसके अंडे सामान्यतः मुर्गी के अंडे से तीन से चार गुना बड़े होते है। 
  • अंडे देने के बाद मादा इनकी देखभाल ढाई से तीन महीने (लगभग 70 दिन) तक करती है। उसके बाद अंडो से बच्चे निकलने की प्रक्रिया शुरू होती है। 
  • आपको जानकर हैरानी होगी कि जब मगरमच्छ भोजन करता है तो उसके आँसू निकलते है जी हाँ। लेकिन वो रोता नहीं है यह सब एक क्रिया का हिस्सा है भोजन करते समय मगरमच्छ अपने मुँह से बहुत ज्यादा हवा निकलता है जिसके कारन उसकी आँखों से आंसू निकलने लगते है। 
  • आंसू निकलने की प्रक्रिया लेरिक्रिमल ग्रंथियों द्वारा होती है। यह सिर्फ एक प्रक्रिया है जो सिर्फ भोजन के उपरांत होती है।
  • अंडे से निकलने के बाद मादा अपने बच्चो को मुँह में भरकर पानी में लेकर जाती है जिससे बच्चे शिकार करना सीख सके और पानी में तैरना भी सीख सके। 
  • यह ठन्डे खून वाले जीव होते है जिस वजह से इनका पाचन भी बहुत धीमा  होता होता है। जिससे यह बिना खाना खाये भी बहुत समय तक जिन्दा रह सकते है। 
  • केंद्रापाड़ा का भीतरकनिका अभयारण्य विश्व में मगरमच्छ के संरक्षण की सबसे बड़ी परियोजना है। 
  • जब इस परियोजना को  शुरू किया गया था तब यहाँ पर 75 मगरमच्छ ही थे। 
 

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