पैरामीशियम क्या है और इसकी खोज किसने की
पैरामीशियम
हेलो दोस्तों आज हम बात करेंगे पैरामीशियम के बारे में। यह एक कोशिकीय जीव है जो गंदे पानी, नदी, झीलों, पोखर, खाईयो, तथा गड्डो में भरे पानी इत्यादि में पाया जाता है। यह प्रोटोजोआ संघ का जीव है। इसकी एक सामान्य जाति कोडेटाम पुरे संसार में पाई जाती है। यह देखने में किसी मानव तलवो की तरह होता है। तो आइये आज हम विस्तार से जानेगे पैरामीशियम क्या है और इसकी खोज किसने की।
पैरामीशियम का नामांकित चित्र
पैरामीशियम क्या है
यह एक प्रकार का जंतु है जो गंदे पानी तालाबों, पोखरों, झीलों, नदियों, खाइयो, में पाया जाता है। यह दिखने में चप्पल की तरह दीखता है। इसके अंदर दो केन्द्रक पाए जाते है जिनको गुरु केन्द्रक और लघु केन्द्रक के नाम से भी जाना जाता है। पैरामीशियम का प्रमुख भोजन सूक्ष्म कार्बनिक भोज्य कण और विषाणु होते है। इस जंतु के बाहरी शरीर के चारो चारो तरफ छोटे छोटे रोम होते है है जिन्हे पच्माभ भी है। इसका शरीर का बाहरी आवरण जीवित मज़बूत क्यूटिकल झिल्ली का बना होता है। इस झिल्ली को तनुत्वक भी कहते है।
पैरामीशियम की खोज किसने की
पैरामीशियम की खोज महान वैज्ञानिक एंटोनी ओनली वन हाकने ने सन 1678 ईस्वी में की थी। खोज में पता लगा के यह एक चप्पल की तरह दिखने वाला जन्तु है। इसमें नर और मादा अलग अलग नहीं होते है। यह एक कोशकीय जीव है। इसलिए इसे हम सूक्षमदर्शी की सहायता से देख सकते है।
पैरामीशियम का वर्गीकरण
पैरामीशियम में प्रजनन
कुशीनगर के रहने वाले डॉ दीपांकर प्रताप सिंह ने शोध में यह पता लगाया है के पैरामीशियम में नर और मादा नहीं होते है ये दोनों ही प्रजननं करते है। प्रजनन के समय इनको भूखा रखना पड़ता फिर यह दोनों एक दूसरे के संपर्क में आते है। हैरानी की बात यह है के दोनों ही अंडे देते है।
पैरामीशियम की खाद्य प्रणाली
इसमें दो संकुचनशील रिक्तिकाएँ पाई जाती है। पैरामीशियम एक पूर्ण भोजी होता है। तनुत्वक पैरामीशियम में उपस्थित मुख के पीछे की तरफ होता है। इसका मुख्य काम पाचन के बाद बचे भोजन को “जो खाद्यधानी में उपस्थित होता है” को बहार निकलना होता है। इस क्रिया में उपस्थित भाग को साइटोपाइग कहते है।
पैरामीशियम के बारे में रोचक जानकारियाँ
- यह एक एककोशिकीय जीव है।
- Paramecium caudatum पैरामीशियम का जंतु वैज्ञानिक नाम है।
- इसकी संरचना चप्पल की तरह दिखाई देती है।
- इसे सूक्षमदर्शी की सहायता से देखा जा सकता है हम इसको सामान्य आँखों से नहीं देख सकते है।
- इसमें पाचन के बाद बचे हुए भोजन को बहार निकलने की क्रिया होती है। जिसमे यह बचे हुए भोजन को बहार निकल देता है। इस क्रिया में उपस्थित भाग को साइटोपाइग कहते है।
- प्रजननं के दौरान यह जंतु भूखे रहते है।
- इनमे नर और मादा अलग अलग नहीं होते है।
- प्रजननं के बाद दोनों ही अंडे देते है।
- इसकी जंतु की खोज सन 1678 ईस्वी में हुई थी।
- पैरामीशियम को वैज्ञानिक एंटोनी ओनली वन हाकने ने खोजा था।
- इसके अंदर दो न्यूक्लियस पाए जाते है जिनको गुरु केन्द्रक और लघु केन्द्रक कहते है।
- पैरामीशियम की कुछ जातियों में उपस्थित कणो में डीएनए भी पाया जाता है।
- इसकी लगभग 10 जातियों का पता लगाया जा चूका है।
- यह सीलिया के द्वारा गति करता है।
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