पृथ्वी पर रहने वाला टार्डीग्रेड जब चन्द्रमा पर मिला

tardigred water bear

टार्डीग्रेड जीव की खोज

हेलो दोस्तों आज हम बात करेंगे एक ऐसे जीव के बारे में जो बहुत अनोखा है। जब आप इसके बारे में जानेंगे तब आप भी हैरान रह जायेंगे।दोस्तों इस जीव का नाम है टार्डीग्रेड को वाटर बेयर या समुद्री भालू के नाम से भी जाना जाता है। एक मशहूर जीव वैज्ञानिक जोहान अगस्त एप्रैम गोएज़ ने इसकी खोज सन 1773 में की थी। उन्होंने अपनी रिसर्च में पाया के पृथ्वी पर रहने वाला टार्डीग्रेड जीव गहरे पानी, पर्वतों, महासागरों, और यहाँ  तक की अंटार्कटिका में भी यह पाया जाता है। या ये कहिये की पूरी दुनिया में हर जगह यह जीव पाया जाता है। 

पृथ्वी पर रहने वाला टार्डीग्रेड जब चन्द्रमा पर मिला

 

पृथ्वी पर रहने वाला टार्डीग्रेड जब चन्द्रमा पर मिला

दोस्तों वैज्ञानिक उस वक्त हैरान रह गए जब पृथ्वी पर रहने वाला टार्डीग्रेड चन्द्रमा पर मिला उन्होंने देखा के एक सूक्ष्म जीव चन्द्रमा की सतह पर रेंग रहा है। वो हैरान रह गए यह देखकर के ये जीव तो पृथ्वी पर पाया जाता है और चन्द्रमा जिस पर न ऑक्सीजन है और न ही पानी तो फिर यह कैसे जिन्दा रह सकता है। खोजकर्ताओं के अनुमान के अनुसार टार्डीग्रेड उनके साथ गलती से पृथ्वी से चन्द्रमा पर आ गया है। 

टार्डीग्रेड की बाहरी संरचना 

टार्डीग्रेड एक 8 पैर वाला सूक्ष्म जीव है। इसका शरीर आठ खंडो में विभाजित होता है। यह समुन्द्र या गहरे पानी में और काई में रहना पसंद करता है। टार्डीग्रेड की लम्बाई लगभग 0.3  से  0.5 मिलीमीटर तथा सबसे बड़ी प्रजाति की लम्बाई लगभग 1. 2 मिलीमीटर तक होती है। मादा टार्डीग्रेड एक बार में 20 से 30 अंडे देती है। इसका मुँह दूरबीन की तरह बहार को निकला हुआ दिखाई देता है। 

टार्डीग्रेड नाम कैसे पड़ा 

टार्डीग्रेड का मतलब है धीमा चलने वाला। दोस्तों मशहूर जीव वैज्ञानिक जोहान अगस्त एप्रैम गोएज़ ने इसकी गति और चलने के तरीके को देखकर इसका नाम वाटर बेयर , समुंदरी भालू रखा गया था। जोहान अगस्त एप्रैम गोएज़ के अनुसार इस जीव की चाल भालू की याद दिलती है। 

टार्डीग्रेड की बारे में कुछ रोचक जानकारियाँ 

  • इसे वाटर बेयर या समुद्री भालू के नाम से भी जाना जाता है। 
  • टार्डीग्रेड का शरीर आठ खंडो में बटा हुआ होता है। 
  • टार्डीग्रेड की सबसे बड़ी प्रजाति की लम्बाई 1. 2 मिलीमीटर तक होती है। 
  • सबसे छोटा टार्डीग्रेड लगभग 0.3  से  0.5 मिलीमीटर तक का होता है। 
  • टार्डीग्रेड की कुछ वयस्क प्रजाति में एक जीव में 40000 कोशिकाएं पाई जाती है। 
  • टार्डीग्रेड चन्द्रमा पर पाया जाने वाला या कहिये मिलने वाला सबसे पहला जीव है। 
  • टार्डीग्रेड की लगभग 1300 प्रजातिया इस धरती पर पाई जाती है। 
  • टार्डीग्रेड का जीवन काल लगभग 3 से 4 महीने तक का होता है परन्तु इसकी कुछ अन्य प्रजातियां 2 साल तक भी जिन्दा रह सकती है। 
  • टार्डीग्रेड उच्च दबाव, सबसे ठन्डे, सबसे गर्म, वातावरण में रहने में सक्षम है। 
  • यह -272 डिग्री सेल्सियस ठन्डे, 150 डिग्री सेल्सियस गर्म, तथा गहरे समुन्दर में पड़ने वाले दबाव का 6 गुना अधिक दबाव सहन कर सकते है। 
  • यह बिना कुछ खाये पिए भी महीनो तक जिन्दा रह सकता है। 
  • टार्डीग्रेड की खोज जीव वैज्ञानिक जोहान अगस्त एप्रैम गोएज़ ने सन 1773 में की थी।  
 

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